पुस्तक का नाम : मार्कण्डेय पुराण (एक सांस्कृतिक अध्ययन)
लेखक : डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल
संस्करण : प्रथम - १९६१
द्वितीय - २०१०
मूल्य : १८०.०० (एक सौ अस्सी रुपये मात्र)
प्रकाशक : सचिव, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद
मुद्रक : एकेडेमी प्रेस, दारागंज, इलाहाबाद
आकार : डिमाई सजिल्द
पृष्ठ : २५१
प्रकाशकीय
भारतीय वाङ्मय का बहुत बड़ा हिस्सा धर्म और प्राचीन भारतीय विद्याओं से सम्बन्धित है। हमारी संस्कृति और इतिहास के अध्ययन में यह सब कुछ आधार-सामग्री का काम करता है। हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने शुरू से ही इस आधार-सामग्री के शोधपरक संरक्षण का उपक्रम किया है। इसी क्रम में दशकों पहले प्रख्यात विद्वान् डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल ने ७ दिसम्बर १९५७ को "मार्कण्डेय पुराण" के सांस्कृतिक पक्ष पर एक व्याख्यान दिया था। जिसे बाद में और संवर्धित करके पुस्तक का रूप दिया गया। यह पुस्तक १९६१ में प्रकाशित की गयी। एकेडेमी का यह महत्त्वपूर्ण प्रकाशन अब अप्राप्य है। शोधार्थियों और विद्वत् समाज के आग्रह पर हम इस ग्रन्थ का पुनर्मुद्रण कर रहे हैं। पुस्तक के द्वितीय संस्करण के प्रकाशन में डॉ० सुरेन्द्र पाल सिंह के सहयोग के लिए हम आभारी हैं। आशा है शोधार्थियों और जिज्ञासुओं की एक महती आवश्यकता की पूर्ति इससे सम्भव हो सकेगी।
एक मार्च दो हजार दस
(१/३/२०१०)
राम केवल
सचिव,
हिन्दुस्तानी एकेडेमी,
इलाहाबाद।
बेहतरीन पुस्तक..जानकारी पाकर अच्छा लगा.
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