हिन्दुस्तानी एकेडेमी सभागार में आयोजित गोष्ठी का उद्घातन सत्र बहुत ही भव्य, सुरुचिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हो गया। महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा और हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रयाग की बुद्धिजीवी जनता की भारी भीड़ तो थी ही, साथ ही बड़ी संख्या में दूर-दूर से आये देश भर के चिट्ठाकारों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को अद्वितीय बना दिया। प्रख्यात समालोचक प्रो. नामवर सिंह द्वारा औपचारिक उद्घाटन किए जाने के समय सभागार खचाखच भर चुका था और कुलपति विभूति नारायण राय जी के अध्यक्षीय उद्बोधन पूरा होने तक सभी श्रोता अपनी कुर्सियों पर जमें रहे।
हिन्दी चिट्ठाकारी के इतिहास, स्वरूप और प्रवृत्तियों पर रवि रतलामी जी की प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया और इस माध्यम से अपरिचित लोगों को भी इसकी विस्तृत जानकारी मिल गयी।
कार्यक्रम का एक अन्य आकर्षण हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा हाल ही में प्रकाशित ब्लॉग आधारित पुस्तक ‘सत्यार्थमित्र’ का विमोचन भी हुआ। यह सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी के इसी नाम के ब्लॉग पर प्रकाशित पोस्टों के संकलन से तैयार की गयी पुस्तक है। अपने प्रकार की हिन्दी में पहली पुस्तक होने के कारण इसका विशेष कौतूहल बना रहा।
आइए देखते हैं उद्घाटन सत्र की कुछ तस्वीरें:
कुलपति जी ने दीप प्रज्ज्वालन किया
प्रो.नामवर सिंह सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए
मुख्य अतिथि( ऊपर) तथा अध्यक्ष (नीचे) का स्वागत
ज्ञानदत्त पाण्डेय जी का माल्यार्पण से स्वागत
विषय प्रवर्तक - ज्ञान जी
विषयवस्तु का प्रस्तुतिकरण: रवि रतलामी
उद्घा्टन भाषण: प्रो. नामवर सिंह
अजित बडनेरकर: “अब पुस्तक विमोचन होगा”
लो जी, हो गया विमोचन... दुबारा हुआ फोटो-सेसन
बाएं से- राम केवल (सचिव- हिन्दुस्तानी एकेडेमी), ज्ञानदत्त पाण्डेय, विभूति नारायण राय, नामवर सिंह, सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, राकेश जी
प्रो. अली अहमद फातमी... इस किताब में क्या है?
राकेश जी (विशेष कर्तव्य अधिकारी- संस्कृति): ब्लॉग क्या है?
विभूति नारायण राय: अध्यक्षीय उद्बोधन
भीड़ भरे सभागार की कोई तस्वीर इस कैमरे से नहीं ली जा सकी, इसलिए वह कभी और सही। अभी इतना ही...।
दूसरे सत्र की गर्मागरम बहस की चर्चा पढ़िए फुरसतिया और चिट्ठा चर्चा पर। कल दूसरे दिन जो होगा उसकी रपट का इन्तजार कीजिए...।
(प्रस्तुति- हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
भीड़ भरे सभागार की तस्वीरें अजित जी के कैमरे से ली हुई हमने देख ली है और सक्रिय ब्लॉगर्स के ताज़ा प्रसारण और दिन भर की कार्यवाही का सार संक्षेप भी । अब कल के दिन की प्रतीक्षा है क्योंकि अजित जी चले गये है और भी बहुत से लोग । कई लोगों को आमंत्रण नहीं मिला वरना वे भी यहाँ उपस्थित होकर स्वयं को गौरवांवित महसूस करते ।
जवाब देंहटाएंहमारी इच्छा तो ब्लॉगर महाकुम्भ की थी यानि सबको आमन्त्रण। लेकिन कुछ अपरिहार्य सीमाएं भी होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण है बजट का जुगाड़..
जवाब देंहटाएंब्लॉग को न जानने वालों का ब्लगपर गरिमामय और पाण्डित्य पूर्ण ठेलन बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंअपने को डिस्पेशनेट हो कर ऑब्जर्व करने का जो मौका मिला सुन्दर था।
आभार इस रिपोर्टिंग का भी..कल का इन्तजार और ज्यादा हो गया अब तो॒॒
जवाब देंहटाएंमय तस्वीर अच्छा विवरण मिल रहा है।
जवाब देंहटाएंसिद्धार्थ जी,
जवाब देंहटाएंइस भागीरथ प्रयास के लिेए साधुवाद...
जय हिंद...
सुन्दर।बधाई हो सिद्धार्थ जी इस सफ़ल आयोज्न की।
जवाब देंहटाएंबेहद जरूरी और अच्छा संकलन...
जवाब देंहटाएंअच्छी तस्वीरें .. रिपोर्ट भी मिलती जा रही है .. अच्छा लगा !!
जवाब देंहटाएंअजित वडनेरकर जी का दिल्ली में इंतजार है। कब पहुंच रहे हैं, बतलायें तो सही। 09868166586/09711537664
जवाब देंहटाएंसमाचार विचार प्रसार सब अच्छा है
फोटो भी इसमें लिया गया सब लग रहा सच्चा है।
बहुत सुंदर चित्र, ओर चित्र बता रहे है कि आयोजन भी सफ़ल रहा. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबढिया चित्र, बढिया रोपोर्टिंग, बढिया स्टिंग[ ब्लाग/चिट्ठा शब्द पर] पुस्तक विमोचन के लिए सिद्धार्थ जी को बधाई। आखिर इस सत्र के दुल्हे तो हैं:)
जवाब देंहटाएंयहाँ फोटो तो कम से कम अच्छी हैं !
जवाब देंहटाएंचाय तो हम साथ पिए थे मगर फोटो में नहीं दिख रहें -फोटो गुटबंदी ? हमारा नम्वऊ भी निकाल दिए होते अनूप जी !
जवाब देंहटाएंविनीत जी के ब्लॉग "गाहे-बगाहे" पर सेमिनार की चर्चा पढी.यहाँ मेरे नाम के सम्मुख किसी और की प्रस्तुति की चर्चा है.
जवाब देंहटाएंविनीत द्वारा उल्लेखित विषय "अभिव्यक्ति के नए माध्यम" तो मेरा टॉपिक ही नही था . मेरा टॉपिक था "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निहित खतरे" जिसमें मैने कानूनी प्रावधानों की चर्चा की.
इस तथ्यहीन रिपोर्टिंग पर आश्चर्य ही व्यक्त कर सकती हूँ.कृपया पुस्तक ब्लॉगपोस्ट में छापते समय इस तरह की तथ्यहीन चीज़ों पर पुनर्विचार ज़रूर कर लें.
सार्थक आयोजन के लिये दौनो संस्थानों का आभार शुभ कामनाए
जवाब देंहटाएंबाकि जो होलि का हल्ला है चार दिन और चले फ़िर बस
पाज़िटिविटि ज़ारी रहे
चर्चा तो छाई हुई है हर जगह ! तस्वीर वाली रिपोर्टिंग बढ़िया है कम पढना पड़ता है :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र प्रस्तुति अकेडमी का आभार ,
जवाब देंहटाएंजनसूचना अधिकारी वाली सूचना में राम केवल जी को शामिल कर ले नहीं तो वे कहीं नाराज न हो जायें